प्यार ही प्यार की बुरी मार, बता रहे हैं प्रदीप वेदवाल
‘दिन जवानी के चार यार प्यार किए जा’ इस गीत के बोल सुनते ही मुझे अपने अकेलेपन पर तरस आता है। मैं सोचता हूं कि काश मैंने भी कभी किसी से प्यार किया होता, मेरी भी कोई प्रेमिका होती जो मंदिर जाने के बहाने मुझसे मिलने आती औऱ मैं सवर्ग सलमान खान की तरह कहता कि “मैंने प्यार, प्यार किया हो”....। मैं ठहरा एक अदनासा कलमघसीट आदमी सो मुझ जैसे झक्की आदमी से नैन मिलाकर कौन चैन पा सकती थी।
एक दिन मौहल्ले के सभी युवाओं (अविवाहितों) की महापंचायत में बतौर प्रवक्ता जब मैंने कुछ कहना शुरू ही किया था कि पिछली पंक्ति में बैठे नब्बू उर्फ रोमियो ने कहा अरे! यह तो निठल्ला है इसे तो कोई लड़की घास नहीं डालती।सभी सदस्यों ने रोमियो की बात का समर्थन करते हुए कहा कि बड़े भाई यदि हमारी महासभा (लवर्स एसोसिएशन) का प्रवक्ता बने रहना है तो कोई लड़की पटा डालो वरना तुम हमारे बीच बैठने लायक नहीं हो। मैंनें अध्यक्ष महोदय से अनुनय करते हुए कहा कि कौन कमबख्त चाहेगा कि उसकी कोई महबूबा न हो मगर तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं कि जिससे कोई हसीन नाजनीन मेरी तरफ आकर्षित हो। अरे तुम तो मेरे देस्त हो तुम ही मेरा मार्गदर्शन करो आप लोग जो राह दिखओगे उस राह पर मैं गुरू आज्ञा मानकर चलूंगा।
रोमियो, आशिक, छैला, मजनूं व दीवाना आदि पांच सदस्यीय कमेटी ने पांच सूत्रीय कार्यक्रम पेश करते हुए कहा कि मिस्टर कलमघसीट उर्फ डब्बूजी तुम यदि इन सिद्धातों पर चलो तो तुम्हें सफलता अवश्य मिलेगी।
सिद्धांत नंबर वन मियां ये अपने नाम के आगे से कुमार उमार हटाओ।इसी कुमार शब्द ने तो तुम्हें बीमार जैसा बना दिया है और यही वजह है कि तुम प्रेमपथ पर असफल हो। अरे यार मार्डन नेम रख जैसे टोनी, मोनी, मैक, जैक वगैरा वगैरा।दूसरी बात यह है कि दाड़ी मूछ सफाचट करके चिकने बनो सुनील शेट्टी की तरह, कानों में बुंदे-बुंदे डालो कुछ लटके-झटके मारो यार तुम्हें अपने बोलचाल का ढंग बदलना होगा। इस शुद्ध हिंदी ने तुम्हारी स्थिति एक भिखारी जैसी बना दी है। बच्चे आजकल फर्राटेदार अंग्रेजी का जमाना है। गाना गाओ ‘क्या अदा क्या जलवे तेरे पारो’ ‘चुम्मा चुम्मा दे दे चुम्मा।’अब ‘चांद को क्या मालूम चाहता है तो उसे कोई चकोर’ या ‘गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा’। गाने से लड़की नही पटती। अब ये परम्परावादी सोच छोड़ो और मार्डन बनो मार्डन। अब राजकपूर का जमाना गया अब तो करिश्मा कपूर का दौर है। वक्त की नजाकत पहचानो और उसी ढंग से चलो।
सिद्धांत संख्या चार : लड़की को अपना असली नाम कभी मत बताओं कोई भी उपनाम बता दो जो तुम्हे सूट करे। उसे अपनी दरिद्रता की भनक मत लगने दो वरना बच्चू चिड़िया उड़ जाएगी औऱ तुम हाथ मलते रह जाओगे।
पंचम व अंतिम बात कि लड़की को अपना पर्सनल फोन नंबर कभी मत दो और उसका पर्सनल फोन नंबर लेने में कभी विलंब ना करो।
लवर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि बंधु यदि हमारे पांच सूत्रीय फार्मूले पर चलोगे तो तुम्हे मैदान-ए-प्यार में विजयश्री अवश्य प्राप्त होगी तथा फिर तुम किसी षोड़सी की बाहों में होगें और षोड़सी तुम्हारी बाहों में।
गुरूजनों की पांचो बातों को गांठ बांधकर मैंने सफल प्रेमी बनने का निश्चय किया है।अब खुशी के मारे मेरा दिल माधुरी दीक्षित की तरह ठुमके लगाने लगा और आवाज में इला अरूण की सी बुलंदी आ गयी। जारी....