दिल में बसती है कला

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दिल में बसती है कला


ओडिशा को दुनिया भर में जरदोजी से लकर इकत हॉर्न और एप्लीक जैसी शिल्पकलाओं के लिए जाना जाता है ओडिशा कला और शिल्प की ऐसी संपन्न धरोहर है, जिसके बारे में माना जाता है कि कला यहां के कण-कण में बसंती है। यह क्षेत्र हर शासनकाल में कला की द्रष्टि से प्रगति करता रहा हैं शासकों ने ओडिशा के कलात्मक ढाचें की विविधता को खासा प्रभावित किया। भारत की सबसे पुरानी नृत्य विधा ओडिसी का जन्म ओडिशा में हुआ था। हर कला प्रेमी पटचित्र, जरदोजी और इकत के अनुठेपन का गवाह है। पेपर  मैशे, सोला पीठ वर्क, लैक्वर(रोगन) वर्क, जरी ग्लास बीडस (कांच के मोती) ,क्लोथ गारलैंड्स,कैफर गारलैंड्स जूट के कालीन चटाई जैसे शिल्प- सौंदर्य तो है ही साथ ही पुरी व गोपालपुर में समुद्री शंख (सीशेल)  जैसी यहां पर कई शिल्प कलाएं हैं।

 

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